The Best Holi Shayari to Express Your Joy and Celebration – होली पर शायरी
The Best Holi Shayari to Express Your Joy and Celebration – होली पर शायरी
Introduction: Holi Shayari

उसके रंगों में ख़ुद को कुछ इस क़दर रंग लिया है,
मेरे नादान दिल को मैंने तन्हाई का सिला दिया है।

रंगो की बौछार नहीं नज़रो की इनायत ही काफी है
तुम सामने होते हो तो चेहरा यूँ ही गुलाल हो जाता है

पीले रंग की ज़िद थी हम मीलों चले
नीले का मलाल कि हम पीले न हुए

वो बात करने तक को राजी़ नही है
और हम होली पर रंग लगाने की हसरत जमाये बैठे हैं

ज़माने के लिये तो कुछ दिन बाद होली है
मगर मुझे तो रोज़ रंग देती है यादें तेरी

तेरा रंग तो पहले ही कब का चढ़ चुका इस मन पर
ये होली तो तेरे रूखसार छूने का फ़क़त एक बहाना भर है

तेरी मोहब्बत का रंग,कुछ ऐसा है..की
अब और कोई रंग..उस पर चढ़ता ही नहीं

दिल ने एक बार ओर हमारा कहना माना हैं
इस होली पर फिर उन्हें रंगने जाना हैं

चेहरे को आज तक भी तेरा इंतज़ार है
हमने गुलाल किसी को मलने नहीं दिया

दूरियाँ दिल की मिटें हर कहीं अनुराग हो न द्वेष हो न राग हो ऐसा यहाँ पर फाग हो

पिचकारी की धार गुलाल की बौछार अपनों का प्यार यही है यारों होली का त्यौहार

कानों के पीछे रंगों के निशान छोड़
यादों का बस्ता लिये होली जा रही है

कसक अब भी उठती है होली के उस दिन की
सूखे सूखे से लौट आए थे उसे सूखा छोड़कर

उनके प्यारे से चेहरे पर रंग लगा देते
वो पास होते तो हम भी होली मना लेते।

वो बात करने तक को राजी़ नही है,और हम होली पर रंग लगाने की हसरत जमाये बैठे हैं।

भर जाएगी हमारी खुशियों की झोली
जब साथ खेलेंगे हम प्रीत की होली

रंगो से रंगना चाहता हूं मैं तुम्हारे संग
तेरे साथ में बहुत प्यारे लगेंगे होली के रंग

जैसे फूलों में खुशबू और चंदन में सुगंध है
वैसे ही तेरे प्यार से रंगा मेरा अंग अंग है

सदासर्वदा चलेगी प्रीत हमारी
जैसे साथ रहते हैं रंग और पिचकारी

होली से आई खुशियां अपार
मुबारक हो होली का त्योहार

रंगों की बहार मुबारक हो
पिचकारी की फुहार मुबारक हो

होली आयी उड़े गुलाल रंग हरा पीला और लाल
मस्ती है सबके सिर पे छाई रंग देंगे हम सबके गाल।

बिना भेद के रंग लगाना, होली की है रीत
बैर मिटा कर सारे तुम दिल में बस रखना प्रीत।

भूल के सारे शिकवे गिलेतुम सब को रंग लगाओ
प्यार मोहब्बत से मिलजुल कर होली इस बार मनाओ।

रंगों का जो भेद भुला दे सबमें भर देता है प्यार
दुश्मन भी लग जाते गलेऐसा है होली का त्यौहार।

होली का तुम लेकर बहाना सबको खूब रंग लगाना
भूल के सारे शिकवे गिले सबको अपने गले लगाना।

होली रंगों का त्यौहार है
जिसमें होती रंगों की बौछार है

कोई साधारण सी ये रीत नहीं
इसमें बसा राधा कृष्ण का प्यार है

दिलों में अपनापन जगाता
नए रिश्तों का इजहार है होली

जात-पात न देखते हैं होली के ये रंग
मिल कर सब खेलते हैं इक दूजे के संग